अलैंगिक जनन क्या है?, परिभाषा, प्रकार, लाभ | alaingik janan kya hai, paribhasha, parkar


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अलैंगिक जनन 
(Asexual Reproduction)

अलैंगिक जनन की परिभाषा :- (Definition of Asexual Reproduction in Hindi) 

जनन का वह प्रकार जिसमें युग्मकों (Gametes) का निर्माण, अर्द्धसूत्री विभाजन (Meiosis) तथा युग्मकों का संलयन नहीं होता है, अलैंगिक जनन या असंगजनन (Apomixis) कहलाता है। 

इस प्रकार के प्रजनन के फलस्वरूप उत्पन्न संततियाँ आनुवंशिक रूप से (Genetically) जनक पौधे के समान होती हैं। 

अलैंगिक जनन के प्रकार ( Types of Asexual Reproduction in Hindi) :-

अलैंगिक जनन मुख्य रूप से सात प्रकार का होता है जो निम्नलिखित हैं -

1. विखंडन (Fission)

2. मुकुलन (Budding)

3. बीजाणु का बनना (Spore formation) 

4. पुनर्जनन (Regeneration)

5. खंडन (Fragmentation)

6. अनिषेकबीजता (Agamospermy)

7. कायिक प्रवर्धन (Vegetative propagation)

Note:- आवृत्तबीजियों में अलैंगिक जनन दो प्रकार से होता है—

1. अनिषेकबीजता (Agamospermy)— 

 वह प्रक्रिया जिसमें बीज का निर्माण तो होता है किन्तु बीज में उपस्थित भ्रूण के निर्माण में युग्मकों का संलयन नहीं होता है, अर्थात बिना अर्धसूत्रण एवं युग्मक संलयन के बीज का निर्माण अनिषेकबीजता कहलाता है।


2. कायिक जनन अथवा कायिक प्रवर्धन (Vegetative Reproduction ) -

कायिक जनन अथवा कायिक प्रवर्धन प्रजनन की वह विधि है जिसमें सन्तति का निर्माण जनक पादप के किसी कायिक भाग जैसे- जड़, तना, पत्ती आदि द्वारा होता है अर्थात् बीज के अलावा पौधे के किसी अन्य भाग से नये पौधे का निर्माण होना कायिक जनन कहलाता है। 

कायिक जनन की विधियाँ-

कायिक जनन दो प्रकार का होता है-

 (A) प्राकृतिक कायिक प्रवर्धन (Natural Vegetative Propagation) 

प्राकृतिक कायिक प्रवर्धन के प्रकार निम्न है-

1 .कन्द (Tubers) –  

उदाहरण- आलू

 2. प्रकन्द (Rhizome ) - 

उदाहरण- अदरक 

शल्ककन्द (Bulb )

उदाहरण- प्याज 

3.घनकन्द (Corm) –  

उदाहरण-अरबी

4. उपरिभूस्तारी (Runner) -

 उदाहरण-दूब घास 

5. भूस्तारी (Stolon) – 

उदाहरण- स्ट्रॉबेरी

6. भूस्तारिका (Offset )

उदाहरण- जलकुंभी


(B) कृत्रिम कायिक प्रवर्धन (Artificial Vegetative Propagation) 

कृत्रिम कायिक प्रवर्धन के प्रकार निम्न है-

1. कर्तन (Cutting)

2. दाब लगाना (Layering)

3. गुट्टी (Gootee),

4. रोपण (Grafting)


अलैंगिक प्रजनन के लाभ

अलैंगिक प्रजनन के निम्नलिखित लाभ हैं :-

  • 1. यह प्रजनन की प्रक्रिया सरल एवं तीव्र होती है।
  • 2. इस प्रजनन के लिए दो जीवो की जरूरत नहीं होती
  • 3. बहुत ही कम समय में अनेक जीवो को उत्पन्न कर सकते हैं। 
  • 4. यह प्रजनन विभिन्न वातावरणों में हो सकता है।

अलैंगिक प्रजनन के नुकसान 

अलैंगिक प्रजनन के प्रमुख नुकसान निम्न हैं:-
  • 1. जैव विविधता का अभाव होता है, क्योंकि जीव का निर्माण केवल एक ही जीव से हुआ है।
  • 2. प्रतिकूल वातावरण को सहन करना मुश्किल हो जाता है
  • 3. वातावरण में अगर कोई बदलाव होता है तो पूरी प्रजाति नष्ट हो जाती है।
  • 4. अनुवांशिक बीमारियां का बढना।
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