लैंगिक जनन और अलैंगिक जनन में अंतर आसान भाषा में|| Laingik aur alaingik janan mein antar in Hindi | difference between sexual and ansexual reproduction

 नमस्कार दोस्तों हमारे इस लेख में आपका स्वागत है आज का लेख जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण टॉपिक लैंगिक और अलैंगिक जनन में अंतर पर है इसमें आपको  महत्वपूर्ण जानकारियां को आसान भाषा में बताया गया है की laingik aur alaingik janan mein antar, difference between sexual and ansexual reproduction in Hindi 

लैंगिक और अलैंगिक जनन में अंतर

दोस्तों, लैंगिक जनन और अलैंगिक जनन में अंतर की सारणी (Table) नीचे दी गई है इस सारणी में लैंगिक तथा अलैंगिक जनन में अंतर को आसान भाषा और शॉर्टकट सारणी में बताया गया है जिससे आपके लैंगिक और अलैंगिक जन्म से संबंधित सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे कीlaingik Janan aur alaingik Janan mein kya antar hai, laingik tatha alaingik janan mein antar, लैंगिक अलैंगिक जनन में अंतर laingik alaingik janan mein antar


लैंगिक जनन और अलैंगिक जनन में अंतर देखने से पहले जान देते हैं कि लैंगिक अलैंगिक जनन क्या होता है?

लैंगिक तथा अलैंगिक जनन क्या होता है?

लैंगिक जनन और अलैंगिक जनन जीवो में पाया जाने वाले प्रजनन के प्रजनन के दो अलग-अलग तरीके होते हैं लेकिन दोनों के द्वारा ही संतान का उत्पादन (जन्म) होता है।

लैंगिक जनन में दो जीवों की आवश्यकता होती है, जिसमे एक नर और एक मादा होतें है, इनमे युग्मक (शुक्राणु+अंडाणु) का संलयन होता है और युग्मनज का निर्माण होता है

अलैंगिक जनन में युग्मकों का संलयन नहीं होता है। अतः एक ही जीव से संतान का उत्पादन/जन्म होता है।

लैंगिक व अलैंगिक जनन में आनुवंशिक विभिन्नता

लैंगिक जनन में दो अलग-अलग जी दो अलग-अलग जीवो के अनुवांशिक पदार्थ के संयोजन के कारण संतानों में अनुवांशिक विभिनता होती हैं यानी के संतानों में माता-पिता दोनों के गुण मिलते हैं।

अलैंगिक जनन में एक ही चीज से संतान उत्पन्न होती हैं अतः इसमें अनुवांशिक विभिनता नहीं होती हैं।

लैंगिक और अलैंगिक जनन में अंतर | Difference Between Sexual and Asexual Reproduction in Hindi 



क्र. सं. अलैंगिक प्रजनन (Asexual Reproduction) लैंगिक प्रजनन (Sexual Reproduction)
1 इसमें सिर्फ एक जनक भाग लेता है। इसमें दो जनक, नर तथा मादा भाग लेते हैं।
2 इसमें युग्मक निर्माण व निषेचन का अभाव होता है। इसमें युग्मक निर्माण व निषेचन होता है।
3 यह जनक की कायिक कोशिकाओं में होता है यह जनक की जनन कोशिकाओं में होता है।
4 इसमें समसूत्री विभाजन होता है। इसमें अर्द्धसूत्री व समसूत्री दोनों प्रकार के विभाजन होते हैं।
5 यह सरल व तीव्र गति से होने वाला जनन है। यह जटिल व धीमी गति से होने वाला जनन है।
6 इसके द्वारा उत्पन्न संतान आनुवंशिक रूप में जनक के समान होती है। इसके द्वारा उत्पन्न संतान आनुवंशिक रूप से अपने जनक से अलग होती है।
7 जनक इकाई कलिका, खण्ड या जनक का पुरा शरीर होता है। जनक इकाई युग्मक होते हैं।
8 उदाहरण:- निम्न कशेरुक और निम्न कोर्डेटा उदाहरण:- मानव, पेड़ पौधे व जानवर


लैंगिक और अलैंगिक जनन के लाभ

लैंगिक जनन के लाभ

  • संतति में विविधता आती हैं जो विकास के लिए जरूरी है
  • लैंगिक प्रजनन पुनर्संयोजन के माध्यम से क्षतिग्रस्त डीएनए की मरम्मत (Repair) की सुविधा प्रदान करता है, क्योंकि प्रक्रिया के दौरान स्वस्थ जीन क्षतिग्रस्त जीन की जगह ले सकते हैं।

अलैंगिक प्रजनन के लाभ:

  • अलैंगिक जनन एक सरल एवं तीव्र गति से होता है।
  • अलैंगिक प्रजनन संतानों में अनुकूल लक्षणों का कुशल संचरण सुनिश्चित करता है क्योंकि इसमें कोई आनुवंशिक पुनर्संयोजन नहीं होता है।

लैंगिक और अलैंगिक जनन के नुकसान या हानि 

लैंगिक प्रजनन के नुकसान:

    1. प्रजनन के लिए दो जीवो (नर व मादा) को ढूंढने और प्रेमालाप व्यवहार में शामिल होने की आवश्यकता समय लेने वाली और ऊर्जा-गहन हो सकती है।
    2. लैंगिक प्रजनन से यौन संचारित संक्रमण और बीमारियों का खतरा रहता है।
    3. किसी व्यक्ति की आनुवंशिक पदार्थ (DNA) का केवल आधा हिस्सा ही संतानों को हस्तांतरित होता है, जिससे व्यक्ति का प्रत्यक्ष आनुवंशिक योगदान कम हो जाता है।

    अलैंगिक प्रजनन के नुकसान:

    1. आनुवंशिक विविधता के अभाव के कारण अलैंगिक आबादी को बीमारियों, परजीवियों और पर्यावरण में बदलाव के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकती है। 
    2. उनमें अनुकूलन क्षमता सीमित हो सकती है।
    3. अलैंगिक प्रजनन में हानिकारक उत्परिवर्तनों के कारण पूरी जाति संकट में आ सकती हैं।


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